चूंकि भारत में बुजुर्गों की आबादी 2050 तक 300 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, इससे अपार अवसर खुलेंगे। सीनियर लिविंग वर्ग का बाजार इस दशक के अंत तक 12-15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 40-50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
उम्मीद की जा रही है कि इस खंड में अगले कुछ वर्षों में बुजुर्गों के लिए विशेष आवास की 2 लाख इकाइयों की भारी मांग बढ़ेगी। कई स्थानों पर, विशेषकर टियर 2-3 शहरों में, आपूर्ति से अधिक मांग होने की संभावना है। टॉर्बिट रियल्टी सीनियर लिविंग वर्ग में शीर्ष पेशेवरों के विचारों को यहां प्रस्तुत कर रहा है। विनोद बहल
अंकुर गुप्ता, को-फाउंडर एएसएलआई एवं जेएमडी, आशियाना हाउसिंग:
समाज में विभिन्न आवश्यकताओं की वजह से सीनियर लिविंग की संकल्पना बढ़ रही है और सीनियर आवास के महत्व की मान्यता खरीदारों और निवेशकों के बीच बढ़ रही है। यह उभरता हुआ क्षेत्र स्थिरता, पहुंच और प्रौद्योगिकी के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। सीनियर लिविंग परियोजनाएं पारंपरिक आवास से अलग हैं और ये स्वास्थ्य सेवाओं, मनोरंजन सुविधाओं और सुरक्षा सहित बुजुर्गों के अनुरूप सुविधाओं और सेवाओं की पेशकश करती हैं और ये व्यापक देखभाल और अपनेपन की भावना के साथ जीवंत सामाजिक जीवन सुनिश्चित करती हैं।
वरिष्ठों की आवश्यकताओं पर केंद्रित परियोजना में घर खरीदने से व्यक्तियों को अपने स्वर्णिम वर्षों को गरिमा और आराम के साथ बिताने का अवसर प्राप्त होता है। उन्हें वहां वे सभी विशेष सहायता मिलती है जिसके वे वास्तव में हकदार हैं।
नेहा सराफ, ईडी, मॉर्गन स्टेनली
सीनियर लिविंग/बुजुर्गों की देखभाल का क्षेत्र प्रचुर अवसरों के साथ बहुत बड़ा है हालांकि यह अभी प्रारंभिक चरण में है। हमें पहले इस क्षेत्र की आवश्यकता और इच्छाओं को समझना होगा और फिर पहले आवश्यकताओं को संबोधित करना शुरू करना होगा जिससे यह स्वयं ही इच्छाओं की पूर्ति की ओर अग्रसर हो जाएगा। यह एक अशक्त आबादी है जिसे ऐसी सेवाएँ और उत्पाद उपलब्ध कराने की ज़रूरत है जो स्पष्ट नहीं हैं।
हमें समाज के इस महत्वपूर्ण वर्ग के लिए सेवाओं की पेशकश के मानक स्थापित करने की आवश्यकता है। जिस तरह चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में मानक निर्धारित किए गए हैं ऐसा ही हमें वरिष्ठों की देखभाल की सुविधाओं लिए भी एक निश्चित ढ़ाचा स्थापित करना होगा।
करण सिंह सोडी, सीनियर एमडी, हेड, अल्टरनेटिव्स इंडिया जेएलएल
सीनियर लिविंग क्षेत्र के विकास की कुंजी सहायता प्राप्त जीवन पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने के बजाय वरिष्ठ नागरिकों को सक्रिय और आनंदप्रद जीवन शैली प्रदान करने के लिए सामुदायिक जीवन को बढ़ावा देना है। कोविड के बाद, डेवलपर्स को सामुदायिक जीवन की कहीं अधिक आवश्यकता का एहसास हुआ है। लेकिन उन्हें गेटेड सीनियर लिविंग के लिए नवीन और कुछ अलग अवधारणाएं बनाने की जरूरत है।
मल्टीफैमिली लिविंग के बढ़ते चलन को देखते हुए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराये के आवास को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है। इसलिए भी क्योंकि एचएनआई सीनियर लिविंग में निवेश योग्य उत्पाद चाहते हैं। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों के रहने की जगह के अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए किराये की नीतियों के प्रोत्साहन की भी आवश्यकता है।
सुमित आनंद, सीईओ, एयरपोर्ट लैंड डेवलपमेंट, जीएमआर
जीएमआर में, रियल एस्टेट के विकास में किराये से आमदनी का मॉडल है। हमारे लिए, सीनियर लिविंग केवल रियल एस्टेट नहीं है बल्कि दीर्घकालिक सर्विस अपार्टमेंट्स है। दीर्घकालिक सेवा अपार्टमेंट्स के प्रबंधन का हमारा अनुभव हमें किराए पर वरिष्ठ नागरिकों के रहने का प्रबंधन करने में मदद करेगा।
वैश्विक परिदृश्य के विपरीत, भारत में आवासीय प्रॉपर्टी से आमदनी वाणिज्यिक रियल एस्टेट से आमदनी की तुलना में कम रही है। हालाँकि, पिछले 3 वर्षों में किराये के आवास की अधिक मांग के कारण, आय में वृद्धि हुई है। सुविधाओं पर हमारा ज्यादा ध्यान हमें सिनियर लिविंग के क्षेत्र में बेहतर लाभ प्रदान करेगा।
अभिषेक यादव, डायरेक्टर, क्वाड्रिया कैपिटल
निवेश के दृष्टिकोण से, सीनियर लिविंग/वरिष्ठ नागरिकों के देखभाल की बहुत मांग है। वरिष्ठ नागरिक खर्च किये जाने योग्य आय वाले एक संभावित वर्ग का गठन करते हैं और वे सही प्रकार के उत्पादों और सेवाओं के लिए भुगतान करने को तैयार होते हैं। इसके अलावा, इन उत्पादों और सेवाओं को सुलभ, किफायती और विश्वसनीय होना आवश्यक है। इन बिन्दुओं के चारों ओर एक इको-सिस्टम बनाया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी तत्व एक एकीकृत मॉडल प्रारूप में हैं, पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ नागरिकों द्वारा प्रस्तुत इस बड़े अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, हमें असंगठित बाजार को संगठित बाजार में बदलने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है।
राजीव बजाज, चेयरमैन एवं एमडी, बजाज कैपिटल
सीनियर लिविंग की ज़रूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए, उम्र बढ़ने की मानसिकता एवं मनोविज्ञान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। बुजुर्ग शारीरिक, मानसिक और आर्थिक आजादी चाहते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने अपने सीनियर केयर व्यवसाय को अपने धन प्रबंधन व्यवसाय में एकीकृत कर दिया है। वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सहायक इको-सिस्टम की आवश्यकता है।
रजित मेहता, चेयरमैन एलेक्ट, एएसएलआई और एमडी एवं सीईओ, अंतरा सीनियर लिविंग
यह ध्यान में रखना चाहिए कि सीनियर लिविंग और सीनियर केयर के लिए सेवाओं की पेशकश का दायरा काफी बड़ा है और इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। लेकिन चुनौती इस क्षमता को साकार करने के लिए एक उचित मॉडल तैयार करने की है। विशेष रूप से क्योंकि वरिष्ठ नागरिक उम्र और सामाजिक एवं स्वास्थ्य स्थिति के मामले में एक जैसे नहीं होते और उनकी ज़रूरतें भी काफी विविध हैं। उनमें से कई सक्रिय और स्वस्थ जीवन शैली के साथ एक सामुदायिक जीवन चाहते हैं। इसलिए, हमें एक ऐसा इको-सिस्टम बनाने की आवश्यकता है जहां उनकी ज़रूरतें पूरी हों, विशेष रूप से इस समुदाय में देखभाल करने वालों का एक विशाल नेटवर्क बनाना चाहिए।
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